वास्तव में 2×5=10 और 5×4=20 होता है किन्तु केवल इसके इकाई अंक ग्रहण करते हुये यदि 2×5=0 है और 5×4=0 दिया है । चूँकि 5×6=30 होता है जिसके इकाई को ग्रहण करने पर- 5×6=0 होगा
16,24,36,81 4^2,4×6,6^2, 9^2यहां 4 का वर्ग और 6 के वर्ग के मध्य 4×6 क है तो इसी प्रकार 6 के वर्ग और 9 के वर्ग के बीच 6 और 9 का गुणा होना चाहिए अतः वह विलुप्त संख्या6×9= 54 होगी ।
निश्चित रूप से विज्ञान में प्रत्येक खोज का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपयोग होता ही है और यह दोनों उपयोग संयुक्त रूप से व्यावहारिक हो जाते हैं इसलिए यह कहना कि गणित का कोई खोज व्यवहारिक नहीं है, सही नहीं होगा ।
वृत्त क्षेत्रफल=π×r^2 जहां r अर्धव्यास है अर्धव्यास को दोगुना करने पर वृत्त का क्षेत्रफल=π×(2r)^2=π 4r^2 πr^2 बढ़ कर 4πr^2 हुआ इसलिए- 100 पर- 4πr^2/πr^2×100=100×4=400% इसमें 100% पहले का क्षेत्रफल शामिल है इसलिए पड़ा हुआ क्षेत्रफल 300 % होगा ।
लीलावती , भारतीय गणितज्ञ भास्कर द्वितीय द्वारा सन ११५० ईस्वी में संस्कृत में रचित, गणित और खगोल का एक प्राचीन ग्रन्थ है, इसमें 625 श्लोक हैं । लीलावती में अंकगणित का विवेचन किया गया है।
साइकिल 1500 खरीद कर ₹1200 में बेचा स्पष्ट है उसे ₹300 की हानि हो रही है ।यह ने उसे उसके क्रय मूल्य अर्थात 15 सो रुपए पर होगी इसलिए 100 पर— 300/1500×100=33.33%
बबलू ने ₹1000 में साइकिल खरीद कर ₹200 खर्च किया अर्थात उनका लागत मूल्य ₹1200 हो गया इसे ₹1500 में बेचने पर उनको ₹300 का लाभ हुआ इसलिए लाभ प्रतिशत =300/1200×100=25%
मानलो राघव का आय ₹100 है तो प्रश्न अनुसार उनका खर्च ₹80 एवं बचत ₹20 है । आय में 12% की वृद्धि होने पर अब राघव की आय 112 रुपए होगी । बचत में 10% की कमी होने पर- 10/100*20=2 रुपए की कमी अर्थात उनकी बचत अब 20–2=18 रुपए की होगी । ₹112 कुल आय में ₹18 बचत करता है इसलिए उनका खर्च=112–18=94 रू होगी । उनका खर्च ₹80 से बढ़कर ₹94 हो गया अतः खर्च में ₹14 की वृद्धि हो गई । इसलिए प्रतिशत वृद्धि- 14/80*100=140/8=17.5% इस प्रकार उनके खर्च में 17.5% की वृद्धि हो गई ।
मान लो तीसरी संख्या 100 है तो इससे 90% कम अर्थात 90 कम पहली संख्या =100- 90 = 10 है । एवं दूसरी संख्या इससे 75% कम यानी कि 75 कम दूसरी संख्या 100–75 = 25 है प्रश्न के अनुसार पहली संख्या 10 को दूसरी संख्या 25 के बराबर किया जाना है । 10 में 15 मैं जोड़े जाने पर 25 होगी इसलिए जब 10 में 15 जोड़ा जाता है तो 100 में कितना 15/10*100 अर्थात 150 इस प्रकार पहली संख्या में 150% की वृद्धि किए जाने पर वह दूसरी संख्या के बराबर हो जाएगी ।
इस प्रश्न में किस प्रकार की संख्या हो इसका प्रतिबंध नहीं है । यह प्रतिबंध नहीं है कि 6 प्राकृत संख्या का योग ही 20 हो, 6 पूर्णाक संख्याओं का योग 20 हो या 6 वास्तविक संख्याओं का योग 20 हो इसलिये- 3+4+5+6+7=25 किन्तु इसमें (-5) जोड़ दिया जाये, जो एक वास्तविक संख्या है, तो संख्या 6 एवं योगफल 20 हो हो जायेगा 3+4+5+6+7+(-5)=20 इसी प्रकार अन्य योग क्रम भी लिखे जा सकते हैं ।
मानलो बसीर को प्रारंभ में x रु प्रति घंटा मजदूरी मिलता है । यदि वह प्रतिदिन y घंटा काम करता हूं तो उनकी दैनिक मजदूरी xy रुपए होगी काम के घंटे 15% बढ़ा दिया जाएं तो कुल घंटे=15/100*y=15y/100=3y/20 बसीर अब रोज y+3y/20 =23y/20 घंटा काम करेगा । अब बसीर की मजदूरी x रु प्रति घंटे में 20% की वृद्धि की गई तब- 20/100*x=x/5 रु की वृद्धि हुई ।
प्रतिशत का शाब्दिक अर्थ ही होता है प्रत्येक 100 पर इसलिए प्रतिशत को 100 से प्रदर्शित किया जाता है । एक अंतर्राष्ट्रीय मानक पद्धति है किंतु ऐसा नहीं है कि 100 पर ही किसी बात को प्रदर्शित किया जाता हो । ज्योतिष पंचांगों में वर्षा का अनुमान प्रतिशत में ना होकर बीसवा पर किया जाता है अर्थात प्रत्येक 20 पर । यदि 4 बीसवा कहां जाए तो इसका अर्थ 20 पर 4 होगा । हमारे क्षेत्र के आंचलिक भाषा में "आना" पर अनुमान किया जाता है एक रुपए में सोलह "आना" होते हैं इस आधार पर भाग को प्रदर्शित किया जाता है । जैसे चार आना होने की संभावना कहीं जाए तो 16 पर 4 अर्थात 25% । जनसंख्या में लिंग अनुपात को प्रति हजार पर व्यक्त किया जाता है । इस प्रकार 100 की ही बाध्यता है ऐसा नहीं है ।
दिये गये प्रश्न 9=72, 8=56, 7=42, 6=30, 5=20 को ध्यान से देखने पर हम पाते हैं कि- 9*8=72 तब 9=72 8*7=56 तब 8=56 7*6=42 तब 7=42 6*5=30 तब 6=30 5*4=20 तब 5=20 4*3=12 तब 4=12 इसलिये 3*2=6 तब 3=6